ICSE Class 10 Hindi Solutions साहित्य सागर – वह जन्मभूमि मेरी [कविता]

ICSE Class 10 Hindi Solutions साहित्य सागर – वह जन्मभूमि मेरी [कविता]

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प्रश्न क-i:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी।
ऊँचा खड़ा हिमालय आकाश चूमता है,
नीचे चरण तले झुक, नित सिंधु झूमता है।
गंगा यमुना त्रिवेणी नदियाँ लहर रही हैं,
जगमग छटा निराली पग-पग छहर रही है।
वह पुण्य भूमि मेरी, वह स्वर्ण भूमि मेरी।
कवि किस भूमि की बात कर रहा है?

उत्तर:
कवि अपनी जन्मभूमि भारतमाता की बात कर रहा है।

प्रश्न क-ii:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी।
ऊँचा खड़ा हिमालय आकाश चूमता है,
नीचे चरण तले झुक, नित सिंधु झूमता है।
गंगा यमुना त्रिवेणी नदियाँ लहर रही हैं,
जगमग छटा निराली पग-पग छहर रही है।
वह पुण्य भूमि मेरी, वह स्वर्ण भूमि मेरी।
कवि ने हिमालय के बारे में क्या कहा है?

उत्तर :
कवि कहते है कि हिमालय इतना ऊँचा है मानो आसमान को चूम रहा है। वह हमारे भारत की रक्षा करता है।

प्रश्न क-iii:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी।
ऊँचा खड़ा हिमालय आकाश चूमता है,
नीचे चरण तले झुक, नित सिंधु झूमता है।
गंगा यमुना त्रिवेणी नदियाँ लहर रही हैं,
जगमग छटा निराली पग-पग छहर रही है।
वह पुण्य भूमि मेरी, वह स्वर्ण भूमि मेरी।
त्रिवेणी नदियों के नाम लिखिए।

उत्तर:
गंगा, यमुना और सरस्वती त्रिवेणी नदियाँ है।

प्रश्न क-iv:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी।
ऊँचा खड़ा हिमालय आकाश चूमता है,
नीचे चरण तले झुक, नित सिंधु झूमता है।
गंगा यमुना त्रिवेणी नदियाँ लहर रही हैं,
जगमग छटा निराली पग-पग छहर रही है।
वह पुण्य भूमि मेरी, वह स्वर्ण भूमि मेरी।
शब्दार्थ लिखिए :
मातृभूमि, सिंधु, नित, पुण्य भूमि

उत्तर:

शब्द अर्थ
मातृभूमि जन्म भूमि
सिंधु समुद्र
नित प्रतिदिन
पुण्य भूमि पवित्र भूमि

प्रश्न ख-i:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी।
झरने अनेक झरते जिसकी पहाड़ियों में,
चिड़िया चहक रही हैं, हो मस्त झाड़ियों में।
अमराइयाँ घनी हैं कोयल पुकारती है,
बहती मलय पवन है, तन मन सँवारती है।
वह धर्मभूमि मेरी, वह कर्मभूमि मेरी।
कवि ने भारत के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया है?

उत्तर:
पकवि ने भारत के लिए जन्मभूमि, मातृभूमि, धर्मभूमि तथा कर्मभूमि विशेषणों का प्रयोग किया है।

प्रश्न ख-ii:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी।
झरने अनेक झरते जिसकी पहाड़ियों में,
चिड़िया चहक रही हैं, हो मस्त झाड़ियों में।
अमराइयाँ घनी हैं कोयल पुकारती है,
बहती मलय पवन है, तन मन सँवारती है।
वह धर्मभूमि मेरी, वह कर्मभूमि मेरी।
झरने कहाँ झरते हैं?

उत्तर:
पझरने भारत माता की पवित्र पहाड़ियों पर झरते हैं।

प्रश्न ख-iii:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी।
झरने अनेक झरते जिसकी पहाड़ियों में,
चिड़िया चहक रही हैं, हो मस्त झाड़ियों में।
अमराइयाँ घनी हैं कोयल पुकारती है,
बहती मलय पवन है, तन मन सँवारती है।
वह धर्मभूमि मेरी, वह कर्मभूमि मेरी।
भारत की हवा कैसी है? उसका हम पर क्या प्रभाव होता है?

उत्तर:
भारत में बहने वाली हवा सुगंधित है। यह हमारे तन-मन को सँवारती है।

प्रश्न ख-iv:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी, वह मातृभूमि मेरी।
झरने अनेक झरते जिसकी पहाड़ियों में,
चिड़िया चहक रही हैं, हो मस्त झाड़ियों में।
अमराइयाँ घनी हैं कोयल पुकारती है,
बहती मलय पवन है, तन मन सँवारती है।
वह धर्मभूमि मेरी, वह कर्मभूमि मेरी।
शब्दार्थ लिखिए :
अमराइयाँ, मलय, पवन

उत्तर:

शब्द अर्थ
अमराइयाँ आम के पेड़ों के बाग
मलय पर्वत का नाम
पवन हवा

प्रश्न ग-i:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी वह मातृभूमि मेरी।
जन्मे जहाँ थे रघुपति, जन्मी जहाँ थी सीता,
श्रीकृष्ण ने सुनाई, वंशी पुनीत गीता।
गौतम ने जन्म लेकर, जिसका सुयश बढ़ाया,
जग को दया सिखाई, जग को दिया दिखाया।
वह युद्ध-भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी।
वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी।
कवि भारत की भूमि को पावन क्यों मानते हैं?

उत्तर:
पकवि भारत की भूमि को पावन मानते हैं क्योंकि यहाँ राम, सीता, श्रीकृष्ण तथा गौतम जैसे महान अवतार अवतरित हुए थे।

प्रश्न ग-ii:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी वह मातृभूमि मेरी।
जन्मे जहाँ थे रघुपति, जन्मी जहाँ थी सीता,
श्रीकृष्ण ने सुनाई, वंशी पुनीत गीता।
गौतम ने जन्म लेकर, जिसका सुयश बढ़ाया,
जग को दया सिखाई, जग को दिया दिखाया।
वह युद्ध-भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी।
वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी।
गौतम कौन थे? उन्होंने क्या उपदेश दिया था?

उत्तर:
गौतम बौद्ध धर्म चलाने वाले महापुरुष थे। उन्होंने जीवों पर दया रखने का उपदेश दिया।

प्रश्न ग-iii:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी वह मातृभूमि मेरी।
जन्मे जहाँ थे रघुपति, जन्मी जहाँ थी सीता,
श्रीकृष्ण ने सुनाई, वंशी पुनीत गीता।
गौतम ने जन्म लेकर, जिसका सुयश बढ़ाया,
जग को दया सिखाई, जग को दिया दिखाया।
वह युद्ध-भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी।
वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी।
‘श्रीकृष्ण ने सुनाई, वंशी पुनीत गीता’ – पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
उपर्युक्त पंक्ति का आशय यह है कि यह वहीं पवन भारत भूमि है जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। गोकुल और मथुरा की गोपियों को अपनी मुरली की धुन से मोहित कर दिया था तथा कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।

प्रश्न ग-iv:
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह जन्मभूमि मेरी वह मातृभूमि मेरी।
जन्मे जहाँ थे रघुपति, जन्मी जहाँ थी सीता,
श्रीकृष्ण ने सुनाई, वंशी पुनीत गीता।
गौतम ने जन्म लेकर, जिसका सुयश बढ़ाया,
जग को दया सिखाई, जग को दिया दिखाया।
वह युद्ध-भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी।
वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी।
शब्दार्थ लिखिए :
रघुपति, वंशी, पुनीत, जंग

उत्तर:

शब्द अर्थ
रघुपति भगवान श्री राम
वंशी बांसुरी
पुनीत पवित्र
जंग संसार

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